कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी या अक्षय नवमी के रूप में मनाया जाता है प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का भारतीय संस्कृति का पर्व है क्योंकि आंवला पूजन पर्यावरण के महत्व को दर्शाता है ,जागरूक करता है। प्रदूषण आदि से शरीर कि रक्षा करता है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर परिवार के लिए आरोग्यता व सुख -समृद्धि की कामना की जाती है । इस दिन किया गया तप, जप , दान इत्यादि व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त कर मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु एवं शिवजी का निवास होता है । इस दिन इस वृक्ष के नीचे बैठने और भोजन करने से रोगों का नाश होता है। चलिए आपको बताते हैं...आवंला नवमी की कथा...
The Navami of Shukla Paksha of Kartik month is celebrated as Amla Navami or Akshaya Navami, a festival of Indian culture to express gratitude towards nature because Amla worship shows the importance of environment, makes it aware. Protects the body from pollution etc. On this day, praying for the health and happiness of the family is done by worshiping the gooseberry tree. The austerity, chanting, charity, etc. performed on this day, frees the person from all sins and fulfills the wishes. According to religious beliefs, Lord Vishnu and Shiva reside in the gooseberry tree on the day of Akshaya Navami. On this day, sitting and eating food under this tree destroys diseases. Let us tell you the story of Amla Navami...
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